बुरा ना मानो होली है,
किस्मत ने आँख मिचोली है!
पर संग अगर हमजोली है,
सारी दुनिया को गोली है!
आओ रंगों से भीग चलें,
दुनिया वाले चाहे जलते जलें!
संग हम-तुम खो जाऐं भलें,
मलने वाले फिर हाथ मलें!
कान्हा तो रास रचाऐंगे,
संग गोपियों के जायेंगे!
ना-समझ बस गाल बजायेंगे,
पर भक्त-गण लुफ्त उठाऐंगे!
इस बेला पर मै नमन करूँ,
गुरू-साधू को हरदिन करूँ!
दण्डवत अष्टांग करूँ,
जय जय राधा-रमन करूँ!
- नित्य मुकुन्द दास (साधक)
किस्मत ने आँख मिचोली है!
पर संग अगर हमजोली है,
सारी दुनिया को गोली है!
आओ रंगों से भीग चलें,
दुनिया वाले चाहे जलते जलें!
संग हम-तुम खो जाऐं भलें,
मलने वाले फिर हाथ मलें!
कान्हा तो रास रचाऐंगे,
संग गोपियों के जायेंगे!
ना-समझ बस गाल बजायेंगे,
पर भक्त-गण लुफ्त उठाऐंगे!
इस बेला पर मै नमन करूँ,
गुरू-साधू को हरदिन करूँ!
दण्डवत अष्टांग करूँ,
जय जय राधा-रमन करूँ!
- नित्य मुकुन्द दास (साधक)
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