तू ही मेरा सौरभ है तू ही
मेरा है सबल
तू ही मेरा प्रणय है तू ही
है निश्चय-अटल
तरणी की किरने तू ही है,
मेरे लिए सुधोपम तू ही है,
आवाज़ तेरी पीक-मृदु , चेहरे
पे तेरे भोलापन
मैंने प्यार किया है तुझसे,
जानता है सारा भुवन
सबसे सुन्दर तू ही है, सोनी
तेरी जैसी कोई न होनी
तुझपे मै अपना जीवन वार दूँ
तेरी चाहत से ज्यादा तुझे
प्यार दूँ
तू ही बता दे , मै क्या
करूँ,
तू कहे तो जियूं मै, वरन
मरुँ,
to be continued…
- नितेश सिंह (मासूम)
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