Thursday, 8 December 2016

मै कौन हूँ !


मै कौन हूँ , प्रश्न उठा मेरे मन में
सही है सब मेरा है मेरे इस तन में !

मैंने मेरा दिमाग बहुत ज़ोरों से लगाया
मेरे हाथ से मेरा सिर धीरे से खुजाया

मेरे पैर भी टेंशन में यहाँ – वहां चलने लगे
मेरी आँखें घूमी और कान सब कुछ सुनने लगे

साँसे तक बराबर लगातार चल रही थी
क्यूंकि मेरी नाक भी एकदम सही थी

मेरा सब कुछ सही से काम कर रहा था
और मै अभी भी मेरे शारीर में भटक रहा था

कुछ तो था जो मै समझ नहीं पाया
मेरी सभी चीजो में मै कहाँ से आया !

मेरा दिल घबराया , सिर चकराया जाने क्यूँ !
वही प्रश्न रह गया बस, मै कौन हूँ ?

-    नितेश सिंह (confusiya!)

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