Monday, 16 January 2017

मिश्रित भाव


सपनो मे हर रोज़ आते रहेंगे
नासूर बनकर दुखाते रहेंगे
शादी का नाटक जो किया है तुमने
जिन्दगी भर यूँ सताते रहेंगे

ना जीने देंगे, ना मरने देंगे
जीवन में कुछ और भी ना करने देंगे
आजादी  की अपनी भीख माँगोगे
इतना हम तुमको तंग कर देंगे

वफा को तेरी हम तरसते रह गये
इंतज़ार मे तेरे हम तन्हा रह गये
तू गई थी सारे कसमे-वादे तोड़ के
तेरे आने की आस मे हम जिन्दा रह गये

तूने हम पर बड़े सितम ढाये
सच जानकर झूठे इल्ज़ाम लगाये
हमसे कहा तो होता एक बार
मर जाते हम बिन तुझे फसाये

अब वापसी का कोई तरीका नही
क्योकि मुर्दो ने जीना सीखा नही
अन्तिम साँस तक तेरी उम्मीद थी मुझे
पर वफा पर मेरी तुझे यकीन था नही

तू ज़ालिम है तुझपे एतबार करना मुश्किल है
बेवफा भी है तुझसे प्यार करना मुश्किल है
झूठे है तेरे आँसू, तेरी बाते झूठी सारी
तेरी वापसी का इंतज़ार करना मुश्किल है

कसौटी पर खरा मै उतर नही सकता
तेरी चाहतों को पूरा मै कर नही सकता
गुलामों-सी जिन्दगी मुझे गवांरा नही
कटा दुंगा सर पर झुका नही सकता

- नितेश सिंह  (बेचारा)

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