कायनात झुक जाती है
जब
पैदा होती बेटियाँ!
दुनिया कुछ भी कह ले पर,
अच्छी
होती है बेटियाँ!
बाप के मन को भाति है
मैय्या का हाथ बटाती है
भोली सूरत के कारण
ये सबको बड़ा लुभाती है
भगवान
इनको भेज कर, दुखी होता है, न करता बयाँ
दुनिया
कुछ भी कह ले पर, अच्छी होती है बेटियाँ
बेटों से पहले बोलना सीखें
चलना और समझना सीखें
एक वक़्त में काम कई तो
करना कोई इनसे सीखें
गुणों
को इनके बोल कर, थकती नहीं है मेरी जुबां
दुनिया
कुछ भी कह ले पर, अच्छी होती है बेटियाँ
घर के कामों में निपुण तो यें
खेल-कूद में भी आगे यें
प्रतिस्पर्दा चाहे कोई भी हो
अक्सर अव्वल रहतीं यें
सारे
जगत में नाम रोशन करती है यें बेटियाँ
दुनिया
कुछ भी कह ले पर, अच्छी होती है बेटियाँ
दफ्तर से थके जब पापा आते
पानी उनको यही पिलाते
देख कर इनकी मासूम अदा
पापा टेंशन भूल ही जाते
सबसे
अच्छी दोस्त पापा की, होती है यें बेटियाँ
दुनिया
कुछ भी कह ले पर, अच्छी होती है बेटियाँ
माँ की सच्ची सहेली बन जाती
मेक-अप उनका यही कराती
कौनसी क्रीम और कौनसा शैम्पू
नए फैशन से अवगत कराती
छोटी
बहन-सी बन जाती है, माँ की दुलारी बेटियाँ
दुनिया
कुछ भी कह ले पर, अच्छी होती है बेटियाँ
एकदिन यें मुंह मोड़ जाती है
बाबुल का आँगन छोड़ जाती है
पीछे बस अपनी यादें देकर
नए रिश्तें जोड़ यें जाती है
अब
समझा सबको उसदिन क्यूँ, बड़ा रुलाती है बेटियाँ
दुनिया
कुछ भी कह ले पर, अच्छी होती है बेटियाँ
इनको कभी न सताना तुम
आँखों में आंसूं न लाना तुम
बाप बनोगे बेटी के जब
तब खुद ही आजमाना तुम
माँ-बहन
तुम्हारी याद रखना, होती है किसी की बेटियाँ
दुनिया
कुछ भी कह ले पर, अच्छी होती है बेटियाँ
- नितेश सिंह (संवेदनशील)
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