Friday, 20 January 2017

तत्वज्ञान


अंधेरों में साये कभी दिखा नहीं करते,

ज़िन्दगी जीने वाले कभी मरा नहीं करते,

डर जाते है जो लोग मुश्किलें आने पर

काम कोई पूरा वो करा नहीं करते


ज़िन्दगी में फ़लसफ़े हज़ार बना लो, पर

ज़रूरी नहीं एक से भी चलेगी गुज़र

जिसका इस्तेमाल कई बार किया हो

जरूरतों में दाव वही दिखायेगा असर


ठोकरें खाकर सँभलते बहुत मिलेंगे

गिर-गिर कर भी चलते बहुत मिलेंगे

जो दूसरों के गिरने-सँभलने से संभले

वो राही सफलता की ओर बड़ चलेंगे


भगवद-प्रेम के सागर में गोता जो खाये

भौतिक-मुश्किलों से निर्भय भीड़ जाये

जानता है वो उस ब्रह्म-तत्व को

भव-सागर न तरेगा जिसके सिवाय
  
   -    नित्य मुकुंद दास (तत्व-दर्शी)


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